भीषण गर्मी के कारण जलवायु परिवर्तन के कारण प्राकृतिक और सामाजिक जीवों पर प्रभाव

अनूपपुर। वर्तमान में गर्मी के बढ़ते प्रभाव के कारण लोगों और जैविक संसाधन पर बहुत ही घातक प्रभाव हो रहा है जो हमारे जीवन को प्रभावित करता है ।मानवीय क्रियाकलापों (जैसे जल प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, वनीकरण को नष्ट करना,वायु प्रदूषण ,आदि)के कारण हमारे पर्यावरण प्रभावित होता है इसमें ग्लोबल वार्मिंग,अम्लीय वर्षा, ग्रीन हाऊस प्रभाव,हरित क्रान्ति का क्षरण, जलीय जीवो का विलुप्त होना, प्राकृतिक जीवों और जंतुओं के विलुप्त होना सम्मिलित है ।

ग्लोबल वार्मिंग- मानवीय क्रियाकलापों के कारण पृथ्वी का तापमान लगातक बढ़ रहा हैं जिससे ओजोन परत का क्षरण हो रहे है जिससे पराबैगनी किरणें पृथ्वी पर प्रवेश कर रही हुआ जो लोगों ने कैंसर जैसे बीमारियों को जन्म देती है।इस कारण भीषण गर्मी, सूखा, अचानक बर्षा होना, जल्द-जल्द जलवायु में परिवर्तन होना सम्मिलित हुआ ।

निदान - भीषण गर्मी के प्रभाव से बचने के लिए प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करे, वनीकरण को प्रोत्साहित करे, वृक्षारोपण को प्रोत्साहित कर ,पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए लोगों में जागरूकता उत्पन्न करने वाले आयोजनों को आयोजित करे, प्रदूषण को कम करने के लिए प्रयास करे ,देश को स्वच्छता के और अग्रेषित कर।

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